निःस्वार्थ नेता,
धुरंधर वक्ता,
मृदू कविता,
तो गुणवंत !
अविचल निष्ठा
देशप्रेम पराकाष्ठा
सच्चा द्रष्टा
तो बुद्धिवंत !
शब्दसंपत्ती अपार
साहस अनिवार
स्वप्न साकार
तो कीर्तिवंत !
सात्विक आत्मा
निःपक्ष प्रतिमा
उचित धर्मात्मा
तो निष्कलंक !
अचूक निर्णय
अफाट समन्वय
अचाट जनसंचय
तो यशवंत !
सच्चा कार्यकर्ता
संघ प्रवक्ता
निरलस नेता
तो अलौकिक !
तो एक विचार
तो स्वच्छ आचार
तो नितळ निरंकार
तो रत्न तेजस्वी साचार !!
तो, घनघोर बादल
तो , सुपुत्र अविनाशी, अटल !!!
श्रद्धेय अटलजी, भावपूर्ण श्रद्धांजली !!!
© मंजू थावरे (१६.८.२०१८)