Meaning of Real Freedom

Sunil Maheshwari

Sunil Maheshwari

22 August 2018 · 2 min read

मेरे साथियों,
असली स्वतन्त्रता दिवस वही जिसमें कोई भेद़ भाव नही, कोई द्वेष जलन की भावना नहीं, कोई हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई नहीं, जहाँ लोगों की सोच एक दूसरे को सिर्फ आगे बढाने की हो न की टाँग पकड़ कर नीचे गिराने की हो, लोगों में अच्छाईयाँ ढूँढना ही हमारा मकसद हो,और कमियों को सुधार करवा कर उनको भी सफलता तक ले जाना ही ध्येय हो, जहाँ राजनीति से परे, हमारे दिल और दिमाग हो, हम एक सकारात्मक सोच के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें, क्योंकि किसी की अच्छाईयों को ढूँढना और उसको उसकी अच्छाईयों के साथ चलना ही सच्ची मानसिकता का परिचय देता है, कमियाँ ढूँढना और निकालना हम भारत वासियों को जैसे विरासत में मिला है।
आपसी प्यार और सौहार्द की भावना की सोच के साथ चलना, बिना किसी ईर्ष्या और द्वेष-जलन की भावना के साथ आगे ही औरों को बढाना हमारा उद्देश्य होना चाहिये, इंसान बनो, क्योंकि इंसानियत से बढा कोई धर्म और महजब नहीं,पर लोग निभाते नहीं,सुख-दुख में जो एक दूसरे के काम आये सच्चा इंसान वही,नही तो हम सब अभी भी कुंठित और संकुचित मानसिकता की बेढियों में अपने आप को कैद रखेंगे, स्वतन्त्र महसूस नहीं करेंगे।
कब तक हम एक दूसरे को गिराते रहेंगे,
क्या हम और हमारा समाज,हमारे संस्कार,
देश हमें यही सिखाता है।
भरा नहीं जो भावों से,बहती जिसमें रसधार नहीं,
हृदय नहीं वह पत्थर है,जिसमें इंसानियत का नाम नहीं।
जीवन की किताबों पर बेशक नया कवर चढ़ाइये,
पर बिखरे पन्नों को पहले प्यार और स्नेह से चिपकाइये।
इस स्वतन्त्रता दिवस पर संकल्प लें,अपने आस-पास के समाज,सोसाईटी,कार्य क्षेत्र को इस वर्ष और बेहतर,और सुंदर, और समृद्ध बनाएंगे।असली स्वतन्त्रता तभी महसूस होगी।
आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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