मां मैं कहां महफूज हूं ? बता न मां मैं कहां महफूज हूं ? बाबा की बाड़ी में दरिंदों का बसेरा है! चाचा ,ताऊ ,भैया सब ने मुझे घेरा है | क्यों ? क्योंकि मैं लड़की हूं ? जिंदगी को समझ भी न पाई| और जिंदगी मुझसे रुठ गई| आखिर क्यों मुझे पैदा किया? क्यों मुझे चलना सिखाया ? मेरी छोटी - छोटी उंगलियों को , किसके हाथों में थमा दिया? पता है मां , पहले मेरी उंगली पकड़ी ,फिर मुझे गोद में उठाया मैं तो समझी यह दुलार है !उसके बाद मत पूछो मां, भेड़ियों की तरह मुझे रोज खाया | मां मैं कहां महफूज हूं ? बता ना मां मैं कहां महफूज हूं?
पूजा रत्नाकर