
तुझको संवार देता अगर मुझको तू अपना लेता
मौका दिया नहीं अपना कहा नहीं मैं क्या करता ||
आशिकी के लिए हर कदम लड़ती रही है जिंदगी
ये बात और है हर किसी ने इस खेल में खाया है धोखा ||
तू भगवान तो नहीं फिर भी परस्तिश करी है तेरी
मुझे आशना कहे तो फिर तू ही हुआ खुदा मेरा ||
मेरे दिल की बात सुन कर चाहे तू चली जाना
शिकवा नहीं करूंगा , मैने तुझको है अपना माना ||
तेरे गेसुओं से मुझको हेगा लिपट के रोना
मुददत हुई है रोके ये सैलाब आसूँओं का ||
मुझको पता है दिलबर तू मेरी न हो सकेगी
बहमों यकी के चलते अब हो रहा है जीना ||
दुनिया में अनेक होंगे मुझसे अबोध बालक
तेरे इश्क की मजम्मत मुझको ही पडा रोना ||