खुद की फेवरेट

कुछ दिन पहले की बात है,मेरी माँ का जन्मदिन था और मैं उनके लिए गिफ्ट लेने गई थी|उन्हें कवितायेँ लिखना पसंद है और चूड़ियाँ भी|सो,मैं पहले डाॅयरी और कलम खरीदकर चूड़ियाँ लेने दुकान पर पहुँच गई|

दुकान में थोड़ी भीड़ थी|मुझे लगभग एक घंटा लगा|उस एक घंटे में तक़रीबन पांच लडकियाँ ऐसी आई,जिन्हें गोरा बनाने वाली क्रीम अर्थात फेयरनेस क्रीम चाहिए थी|वह क्रीम जो आपको गोरा बनाने का दावा करती है|आपके निखार को बढ़ाने का दावा करती है|मैं पूछती हूँ,ऐसी क्रीम की जरुरत हीं क्यों है?अपने प्राकृतिक रंगत को बदलने की जरुरत हीं क्यों है?सिर्फ गोरा बनने से हीं सुंदरता नहीं होती|हमारा समाज सांवली या काली रंगत वाली लड़कियों को क्यों नहीं देखना चाहता?सुंदरता का मापदंड गोरा होना हीं नहीं होता है|अधिकांश लड़कियों और महिलाओं को ऐसा लगने लगता है कि उनकी सुंदरता सिर्फ गोरा बनने से हीं है|उनके अंदर हीन-भावना पैदा हो जाती है|अपने प्राकृतिक रंगत से नफ़रत होने लगती है|और कभी-कभी तो इस चमड़ी के रंग के कारण वे अवसाद में चली जाती है|वह चमड़ी जो शरीर का आवरण भर है|

कई मैट्रिमोनिअल साइट्स के विज्ञापन भी इसी से शुरू होते हैं, गोरी......लड़की चाहिए|क्यों भाई! एक तरफ़ आप सांवले रूप वाले श्री हरि,श्री कृष्ण की भक्ति करते हो|अगर गौर वर्ण की महागौरी हैं तो दूसरी तरफ़ काली माँ भी है,काल-रात्रि भी हैं|तो लड़की की रंगत सांवली या काली होने से क्यों दिक्कत है?मिट्टी सांवली होती है,पर उसमें उर्वरता होती है|हर रंग अपने आप में श्रेष्ट है| 

शुरुआत से हीं सफ़ेद रंग को स्वच्छता,पवित्रता से जोड़कर देखा जाता रहा है और काले रंग को गंदा,अपवित्र आदि चीजों से|इस मानसिकता को किनारे रखकर सोचना होगा|हमसब का रंग मेलानीन नामक हॉर्मोन पर निर्भर करता है|इसकी जितनी अधिकता होगी शरीर का रंग उतना हीं गहरा होगा|

मैंने तो यह तक कहते हुए सुना है,”उसका रंग साफ़ है”|यह कभी मत मानिए की आपका रंग साफ नहीं है,या आप सुन्दर नहीं हैं|गोरा होना ही सुंदर या खुबसूरत होना नहीं होता|विश्व-सुंदरियों की श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका की महिलाएं भी विश्व-सुंदरी का ख़िताब जीत चुकी हैं|इंसान अपने रंग के कारण नहीं बल्कि अपने हुनर और खुद के विश्वास से उड़ता है और आगे बढ़ता है|

ख़ैर,परिवर्तन की बयार धीमी है,पर चल रही है|अब लडकियाँ ऐसी भ्रांतियों को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं|कंगना रनौट ने फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन ठुकराकर एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया था|

अंत में मैं यहीं कहना चाहूंगी,किसी के कहने मात्र से आप कम सुंदर नहीं हो सकतीं|शीशे में देखकर हिचकिचाने से बेहतर है,आप ये कहें कि “मैं सुंदर हूँ और मैं खुद की फेवरेट हूँ”|  


             




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